नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी इस नई पोस्ट Bulleh Shah Shayari In Hindi में आज हम आपके लिए लाये बेस्ट bulleh shah shayari in hindi एक सूफी संत, पंजाब की माटी की सौंधी गन्ध में गूंजता एक ऐसा नाम जो धरती से उठकर आकाश में छा गया| जात-पाँत से परे , ऊंच-नीच के भाव से दूर , हर सूफी संत की तरह बुल्ले शाह भी प्रेम और भाईचारे का सन्देश देते रहे। बाबा बुल्ले शाह पंजाबी सूफ़ी काव्य के आसमान पर एक चमकते सितारे की तरह हैं। उन की काव्य रचना उस समय की हर किस्म की धार्मिक कट्टरता और गिरते सामाजिक किरदार पर एक तीखा व्यंग्य है
इसलिए आज हमने आपके लिए उनके द्वारा लिखित bulleh shah shayari in hindi लेकर आए है हमने इंटरनेट पर ढूढ ढूढ कर आपके लिए सबसे बढ़िया कलेक्शन एक जगह इकट्ठा किया है ताकि आपके बुलेह की शायरी एक ही जगह आसानी से मिल सके तो पढ़िए अपनी मातृभाषा हिंदी में बेस्ट
Bulleh Shah Shayari In Hindi
1.गरूर ना कर शाह ए शरीर का तेरा भी खाक होगा मेरा भी खाक होगा।।
– Bulleh Shah
2.बुल्ला कसर नाम कसूर है, ओथे मूँहों ना सकण बोल
ओथे सच्चे गरदन मारीए ओथे झूठे करन कलोल।।
– Bulleh Shah
3.गुस्से विच ना आया कर, ठंडा कर के खाया कर
दिन तेरे भी फिर जाएंगे ऐसे ना घबराया कर।।
– Bulleh Shah
4.आपने ज्ञान की हजारों किताबें पढ़ी होगी, लेकिन क्या आपने कभी खुद को ‘पढ़ने’ की कोशिश की है।।
– Bulleh Shah
5.बुत ख़ाना तोड़ डालिए मस्जिद को ढाइए दिल को न तोड़िए ये ख़ुदा का मक़ाम है।।
– Bulleh Shah
6.जब न मंदिर थे न मस्जिद थीं न गिरजाघर कहीं तब हर जगह इंसान थे, सब के एक भगवान थे।।
– Bulleh Shah
7.इकना आस ‘मुड़न दी आहे, इक सीख कबाब चढ़ाइयां बुल्लेशाह की वस्स ओनां, जो मार तकदीर फसाइयां।।
– Bulleh Shah
8.इह अगन बिरहों दी जारी, कोई हमरी प्रीत निवारी, बिन दरशन कैसे तरीए ? अब लगन लगी किह करीए?
– Bulleh Shah
9.ना हम हिन्दू ना तुर्क ज़रूरी, नाम इश्क दी है मनज़ूरी, आशक ने वर जीता, ऐसा जग्या ज्ञान पलीता।।
– Bulleh Shah
10.सस्सी दा दिल लुट्टण कारन, होत पुनूँ बण आया ए। इक नुकता यार पढ़ाया ए।।
– Bulleh Shah
11.ऐन गैन दी हिक्का सूरत, हिक्क नुकते शोर मचाया ए। इक नुकता यार पढ़ाया ए।।
– Bulleh Shah
12.बुल्ल्हा शौह दी मजलस बह के, सभ करनी मेरी छुट्टी कुड़े , मैनूं दस्सो पिया दा देस।।
– Bulleh Shah
13.बुल्ल्हा शौह दी मजलस बह के, सभ करनी मेरी छुट्टी कुड़े , मैनूं दस्सो पिया दा देस।।
– Bulleh Shah
14.अब लगन लगी किह करिए अब लगन लगी किह करिए ? ना जी सकीए ते ना मरीए।।
– Bulleh Shah
15.जिस तरह चाहे नचाले तेरे इशारो पे ऐ मालिक मुझे तेरे ही लिखे हुए अफ़साने की किरदार हु मै।।
– Bulleh Shah
16.जिस तरह चाहे नचाले तेरे इशारो पे ऐ मालिक मुझे तेरे ही लिखे हुए अफ़साने की किरदार हु मै।।
– Bulleh Shah
17.ज़हर वैख के पीता ते के पीता? इश्क़ सोच के कीता ते के कीता? दिल दे के, दिल लेन दी आस रखी? प्यार इहो जिया कीता, ते के कीत।।
– Bulleh Shah
18.कोई हिर कोई रांझा बना है, इश्क़ वे विच बुल्लेशाह हर कोई फरीर क्यों बना है।।
– Bulleh Shah
19.ना मस्जिद में ना मंदिर मे, ढूंढ अपने यार को अपने अंदर मे।।
– Bulleh Shah
20.मनतक मअने कन्नज़ कदूरी, मैं पढ़ पढ़ इलम वगुच्ची कुड़े, मैनूं दस्सो पिया दा देस।।
– Bulleh Shah
21.बुल्ल्हा कसर नाम कसूर है, ओथे मूंहों ना सकन बोल । ओथे सच्चे गरदन मारीए, ओथे झूठे करन कलोल।।
– Bulleh Shah
22.आओ सईयो रल दियो नी वधाई आयो सईयो रल दियो नी वधाई । मैं वर पाइआ रांझा माही
– Bulleh Shah
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Surendra Uikey Is A Co-Founder Of Motivational Shayari. He Is Passionate About Content Writer Shayari, Quotes, Thoughts And Status Writer